दीपावली का त्यौहार कब और कैसे मनाया जाता है When and how is the festival of Diwali celebrated

दीपावली का त्यौहार कब और कैसे मनाया जाता है

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When and how is the festival of Diwali celebrated – दीपावली, जिसे दिवाली भी कहा जाता है, भारत का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहार है। यह न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक, सामाजिक, और आर्थिक रूप से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। दीपावली का त्यौहार अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई और अज्ञान पर ज्ञान की विजय का प्रतीक है। यह त्योहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। यह त्योहार पांच दिनों तक चलता है, जिसमें हर दिन का अपना विशेष महत्व और परंपरा है। दीपावली न केवल भारत में बल्कि विश्वभर में बसे भारतीय समुदायों द्वारा भी धूमधाम से मनाई जाती है।


दीपावली का महत्व – When and how is the festival of Diwali celebrated

धार्मिक महत्व

दीपावली का धार्मिक महत्व अत्यंत गहरा है। हिंदू धर्म में इसे भगवान राम की अयोध्या वापसी से जोड़ा जाता है। जब भगवान राम 14 वर्षों के वनवास और रावण का वध कर लौटे, तो अयोध्या के लोगों ने उनके स्वागत के लिए नगर को दीयों से सजाया। यह दिन अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक बना।
जैन धर्म में दीपावली को भगवान महावीर के मोक्ष प्राप्ति के दिन के रूप में मनाया जाता है। सिख धर्म में इसे बंदी छोड़ दिवस के रूप में मनाया जाता है, जब गुरु हरगोबिंद जी को जेल से रिहा किया गया।

सांस्कृतिक महत्व

दीपावली न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। यह त्योहार परिवार और समाज को जोड़ने का माध्यम है। इस दिन लोग अपने पुराने मतभेद भुलाकर एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं। यह पर्व मानवता, भाईचारे और आपसी सद्भाव को प्रोत्साहित करता है।


दीपावली का इतिहास

रामायण और दीपावली

रामायण में उल्लेखित कथा के अनुसार, जब भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण वनवास से लौटे, तो अयोध्या के लोगों ने अमावस्या की रात को दीप जलाकर नगर को सजाया। यह उनकी खुशी और भगवान राम के प्रति सम्मान का प्रतीक था।

महाभारत और दीपावली

महाभारत में भी दीपावली का जिक्र है। यह माना जाता है कि पांडवों के 12 वर्षों के वनवास और एक वर्ष के अज्ञातवास के बाद जब वे अपने राज्य लौटे, तो हस्तिनापुर में दीप जलाकर उनका स्वागत किया गया।


दीपावली कब मनाई जाती है

पंचांग के अनुसार तिथियां

दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। यह आमतौर पर अक्टूबर-नवंबर के बीच आती है। पंचांग के अनुसार, इस दिन सूर्य और चंद्रमा विशेष स्थिति में होते हैं, जो इसे धार्मिक दृष्टि से शुभ बनाता है।

दीपावली से जुड़े अन्य त्यौहार

दीपावली केवल एक दिन का त्योहार नहीं है, बल्कि यह पांच दिनों तक चलता है।

धनतेरस

धनतेरस दीपावली का पहला दिन होता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि और कुबेर की पूजा की जाती है। लोग इस दिन सोने-चांदी के गहने और बर्तन खरीदते हैं, जो शुभ माना जाता है।

नरक चतुर्दशी

इसे छोटी दिवाली भी कहते हैं। इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। लोग इस दिन घर की सफाई करते हैं और दीयों से सजावट करते हैं।

गोवर्धन पूजा

दीपावली के तीसरे दिन गोवर्धन पूजा होती है। इस दिन भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की कथा का स्मरण किया जाता है। लोग घरों में गोबर से गोवर्धन बनाकर पूजा करते हैं।

भैया दूज

दीपावली के पांचवे दिन भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का त्योहार भैया दूज मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना करती हैं।


दीपावली कैसे मनाई जाती है

घर की सफाई और सजावट

दीपावली की शुरुआत घर की सफाई और सजावट से होती है। इसे शुभ माना जाता है क्योंकि माता लक्ष्मी केवल स्वच्छ और सुंदर स्थानों पर निवास करती हैं। लोग अपने घरों को रंगोली, दीयों और मोमबत्तियों से सजाते हैं।

दीप जलाने की परंपरा

दीपावली का मुख्य आकर्षण दीप जलाना है। घर के हर कोने को दीयों और मोमबत्तियों से रोशन किया जाता है। यह अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है।

पूजा-अर्चना का महत्व

दीपावली की रात लक्ष्मी-गणेश की पूजा होती है। यह पूजा धन, समृद्धि और सुख-शांति के लिए की जाती है। लोग पूजा के दौरान भजन-कीर्तन करते हैं और मिठाई बांटते हैं।

पटाखे और आतिशबाजी

पटाखे और आतिशबाजी दीपावली का अहम हिस्सा हैं। हालांकि, अब प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए लोग इको-फ्रेंडली विकल्प अपना रहे हैं।

मिठाई और पकवान

दीपावली पर मिठाई और पकवानों का खास महत्व होता है। हर घर में लड्डू, गुजिया, मठरी और चकली जैसे पकवान बनाए जाते हैं।

उपहार देने और लेने की परंपरा

दीपावली पर उपहारों का आदान-प्रदान रिश्तों को और मजबूत बनाता है। लोग अपने प्रियजनों को मिठाई, गिफ्ट और धन के प्रतीक के रूप में सिक्के देते हैं।


आधुनिक समय में दीपावली का स्वरूप

पर्यावरणीय चुनौतियां

पटाखों के कारण वायु और ध्वनि प्रदूषण बढ़ गया है। इससे बचने के लिए लोग अब ईको-फ्रेंडली विकल्पों को अपना रहे हैं।

डिजिटल दीपावली

आज के डिजिटल युग में लोग ऑनलाइन शुभकामनाएं भेजते हैं और वर्चुअल गिफ्ट्स का आदान-प्रदान करते हैं।


दीपावली से जुड़े रोचक तथ्य

  • दीपावली केवल भारत में ही नहीं, बल्कि नेपाल, श्रीलंका, मलेशिया, सिंगापुर और अन्य देशों में भी मनाई जाती है।
  • इस दिन शेयर बाजार में विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग होती है।
  • सिख धर्म में इसे “बंदी छोड़ दिवस” के रूप में मनाया जाता है।

दीपावली के समय बाजारों में खरीदारी और व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि होती है।


दीपावली का त्यौहार कब और कैसे मनाया जाता है


दीपावली के साहित्यिक और कलात्मक पहलू

दीपावली पर साहित्य का प्रभाव

भारतीय साहित्य में दीपावली का वर्णन प्राचीन काल से मिलता है। तुलसीदास की रामचरितमानस में भगवान राम की अयोध्या वापसी का विस्तृत विवरण है। आधुनिक साहित्य में भी कविताओं, कहानियों और नाटकों के माध्यम से दीपावली के महत्व को दर्शाया गया है।

दीपावली और कला का संबंध

दीपावली पर बनने वाली रंगोली और दीयों की सजावट भारतीय कला का प्रतीक है। यह त्योहार कलाकारों और कारीगरों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है। मिट्टी के दीये, हाथ से बनी सजावट और हस्तशिल्प की वस्तुएं इस त्योहार की पहचान हैं।


दीपावली और आर्थिक गतिविधियां

व्यापार और बाजारों की रौनक

दीपावली के समय बाजारों में अभूतपूर्व चहल-पहल होती है। यह त्योहार व्यापारियों के लिए सबसे बड़ा सीजन है। सोने-चांदी के आभूषणों, कपड़ों, मिठाइयों और सजावटी वस्तुओं की बिक्री चरम पर होती है।

ऑनलाइन शॉपिंग का महत्व

आधुनिक युग में ऑनलाइन शॉपिंग ने दीपावली के बाजार को डिजिटल रूप दिया है। लोग अब घर बैठे अपनी जरूरत की चीजें खरीदते हैं, जिससे यह त्योहार तकनीक के साथ और भी खास हो गया है।


दीपावली और सामाजिक एकजुटता

सामाजिक सेवा और दान

दीपावली के अवसर पर लोग जरूरतमंदों की सहायता करते हैं। कई संगठन और व्यक्ति अनाथालयों, वृद्धाश्रमों और गरीब बस्तियों में जाकर मिठाइयां, कपड़े और उपहार वितरित करते हैं।

सांस्कृतिक कार्यक्रम और मेलों का आयोजन

दीपावली के समय सांस्कृतिक मेलों और कार्यक्रमों का आयोजन होता है। यह न केवल मनोरंजन का साधन है बल्कि भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने का भी माध्यम है।


दीपावली और पर्यावरण संरक्षण

पर्यावरण को सुरक्षित रखने की दिशा में कदम

पटाखों के कारण होने वाले प्रदूषण से बचने के लिए अब लोग इको-फ्रेंडली दीपावली मना रहे हैं। इसमें बिजली की जगह मिट्टी के दीयों का उपयोग, पेड़ लगाना और ध्वनि-प्रदूषण को कम करना शामिल है।

हरित दीपावली अभियान

सरकार और विभिन्न संगठनों द्वारा “हरित दीपावली” अभियान चलाए जाते हैं, जिसमें लोगों को पर्यावरण के अनुकूल तरीके अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता है।


दीपावली के क्षेत्रीय रूप

उत्तर भारत में दीपावली

उत्तर भारत में दीपावली मुख्य रूप से भगवान राम की वापसी से जुड़ी है। यहां पारंपरिक मिठाइयां, पटाखे और पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है।

दक्षिण भारत में दीपावली

दक्षिण भारत में इसे नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है। यहां यह त्योहार भगवान कृष्ण और नरकासुर के वध की कथा से जुड़ा है।

पश्चिम भारत में दीपावली

गुजरात और महाराष्ट्र में दीपावली के दौरान लक्ष्मी पूजा और नए व्यापारिक साल की शुरुआत की जाती है।

पूर्वोत्तर भारत में दीपावली

पूर्वोत्तर राज्यों में काली पूजा का आयोजन होता है, जिसमें देवी काली की आराधना की जाती है।


दीपावली और मानसिक स्वास्थ्य

सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह

दीपावली का त्योहार सकारात्मकता और आशा का प्रतीक है। यह त्योहार अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ने का संदेश देता है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

तनाव से मुक्ति का साधन

दीपावली के दौरान परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने से मानसिक तनाव कम होता है। उपहारों का आदान-प्रदान और उत्सव की रौनक मन को खुश कर देती है।


दीपावली पर अंतरराष्ट्रीय प्रभाव

विदेशों में दीपावली का उत्सव

विदेशों में बसे भारतीय समुदाय दीपावली को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। अमेरिका, कनाडा, यूके और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भारतीय दूतावास और संगठन बड़े कार्यक्रम आयोजित करते हैं।

वैश्विक मान्यता

संयुक्त राष्ट्र और कई अंतरराष्ट्रीय संस्थानों ने दीपावली को सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दी है। यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति वैश्विक सम्मान को दर्शाता है।


दीपावली से जुड़ी आधुनिक तकनीक

डिजिटल गिफ्टिंग

डिजिटल युग में लोग ऑनलाइन गिफ्ट और वर्चुअल कार्ड्स का उपयोग करते हैं, जिससे समय और संसाधन दोनों की बचत होती है।

स्मार्ट होम डेकोर

स्मार्ट लाइट्स और आधुनिक उपकरणों ने दीपावली की सजावट को और खास बना दिया है।


निष्कर्ष

दीपावली केवल एक त्यौहार नहीं, बल्कि यह जीवन में उजाला, समृद्धि और खुशहाली लाने का माध्यम है। इस त्योहार की परंपराएं, रीति-रिवाज, और संदेश हमें बेहतर जीवन जीने और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने की प्रेरणा देते हैं। इसे हमें पर्यावरण और सामाजिक संतुलन के साथ मनाना चाहिए। दीपावली का त्यौहार न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व का प्रतीक है। यह पर्व अच्छाई की बुराई पर विजय, परिवार और समाज को जोड़ने, और समृद्धि का संदेश देता है। हमें इसे पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी निभाते हुए मनाना चाहिए।


FAQs

1. दीपावली के पांच दिन कौन-कौन से होते हैं?
धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा और भैया दूज।

2. दीपावली पर कौन-कौन सी मिठाइयां बनाई जाती हैं?
लड्डू, गुजिया, मठरी, चकली और बेसन की बर्फी।

3. दीपावली का संदेश क्या है?
अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई और अज्ञान पर ज्ञान की विजय।

4. दीपावली का वैश्विक महत्व क्या है?
यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाता है।

5. इको-फ्रेंडली दीपावली कैसे मनाएं?
पटाखों से बचें, दीयों का उपयोग करें, और पर्यावरण को सुरक्षित रखने के उपाय अपनाएं।

1. दीपावली का मुख्य उद्देश्य क्या है?
अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की विजय का जश्न मनाना।

2. दीपावली कितने दिनों तक मनाई जाती है?
यह पांच दिनों तक चलने वाला पर्व है।

3. दीपावली पर कौन-कौन सी पूजा होती है?
माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर की पूजा होती है।

4. पर्यावरण के प्रति जागरूकता के लिए दीपावली कैसे मनाएं?
इको-फ्रेंडली दीयों का उपयोग करें और पटाखों से बचें।

5. दीपावली का आर्थिक महत्व क्या है?
दीपावली के समय बाजारों में खरीदारी और व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि होती है।

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